पहली असफलता से 500 करोड़ तक का सफर-Shiva Texyarn
कुछ भी काम करने से पहले अपने मन को इतना मजबूत अवश्य बना लेना चहिए की जब हम असफलता का स्वाद चखने को मिले तो भी वह हार मानने की वजाय एक नई ऊर्जा के साथ खड़ा होने का संकल्प ले सके। कारोबारी दुनिया मे असफलता तो मिलती ही है , बस कुछ ही लोग होते है जो मिली असफलता के बाद भी डटे रहते है और फिर कुछ समय मे उठ खड़े होते है। जिनमे ऐसा करने का जज्बा होता है वही इस दुनिया का बेताज बादशाह बनने की काबिलियत रखता है ।
कुछ ऐसी ही कहानी है एस के सुंदरम (Shiva Texyarn) की जिन्होंने शुरुआत में शुरू किए गए अपने बिज़नेस में असफलता प्राप्त की लेकिन उसके बाद उन्होने हार मानने की बजाय संघर्ष किया और फिर एक नए सिरे से उठ खड़े हुए और 500 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी करने तक का एक शानदार सफर तय किया । सुंदरम शुरू से ही सफल कारोबारी बनने का सपना देखते थे । पढ़ने में भी वे काफी अच्छे छात्र थे । इसलिए जब उन्होंने ग्रेजुएशन किया तो उनके सामने अनेको विकल्प चुनने का सुनहरा अवसर था लेकिन उन्होंने एमबीए करने का फैसला किया क्योकि उन्हें लगता था कि ये कोर्स उनके अंदर छुपे एक बिज़नेस मेन को बाहर लाने में मदद करेगा ।
वर्ष 2000 में उन्होंने इंटरनेट के क्षेत्र में काम करने वाला एक स्टार्टअप बन्नरी इंफोटेक की स्थापना की । इसमे इन्होंने काफी भारी धन राशि का भी निवेश किया लेकिन इंटरनेट भारत मे काफी नई चीज थी और भारत इसके लिए अभी तैयार नही था तो सुंदरम को मुँह की खानी पड़ी । अफ़सलता मिलने के बाद सुंदरम ने हार मानने की बजाय फिर से एक नए उत्साह और उम्मीद के साथ एक नए व्यवसाय में कदम रखा ।
उन्होंने शिवा टेक्सयर्न(Shiva Texyarn) नाम से एक कपड़ा बनाने वाली कम्पनी की स्थापना कि जिसका लक्ष्य भारत मे विशेष कपड़े का अनुसन्धान करना और निर्माण करना था । यह कम्पनी भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक विशेष प्रकार के जैविक शूट का निर्माण भी करती है । ये विशेष शूट सैनिकों को रायायनिक विस्फोट से बचाते है । उनके महत्वपूर्ण उत्पादों में से एक उत्पाद ड्राई शीट है जो टोडलर्स के नीचे रखी रबर की शीट का एक प्रभावी विकल्प है। शिवा टेक्सयर्न भारत की उन चुनिंदा कंपनियों में शामिल है जो चीन को भी निर्यात करती है ।
कोविड 19 के समय Shiva Texyarn कम्पनी ने काफी किफायती दामों पर फेस मास्क और पीपीई किट बनाए है । उनके किफायती स्पेशलिस्ट मास्क एंटीवायरल ट्रीटमेंट और डबल लेयर्ड शील्ड के साथ सिर्फ 49 रुपयों में आते है । हालांकि Shiva Texyarn के उत्पादों को बाजार में उतारना काफी संगर्ष का काम था लेकिन सुंदरम ने इसे भी चुनौती के रूप में स्वीकार किया और काफी मेहनत की जिसके बाद ये इसमे सफल भी हुए ।
हार नही मानने और लगातार सीखते रहने की ललक ने सुंदरम की कम्पनी को आज 500 करोड़ की वैल्यू तक पहुचा दिया है। उनका मानना है कि व्यवसाय में मिली हार से लगातार सीखते रहना चाहिए और नित नए प्रयोगों के साथ लगातार संघर्ष करते रहना चाहिए । अगर आप ऐसा करने में सफल हो जाते है तो सफलता आपके कदम अवश्य चूमेगी । पहली बार मे मिली असफलता ने उन्हें एक उधमी के जीवन मे आने वाली परेशानियों से रूबरू करवाया और जब इनसे इनकी प्रॉब्लम्स के बारे में पूछा जाता है तो इनका एक ही जवाब होता है कि ये भी बीत जाएगा और एक नया दिन फिर आएगा लेकिन मैं हार नही मानूंगा मैं हाल में जीतकर ही रहूंगा ।
एक असफल व्यवसाय के दुष्प्रभाव सिर्फ वित्तीय तनाव और आत्मविश्वास की कमी तक ही सीमित नहीं रहते है इसलिए, आप जब भी कोई व्यवसाय शुरू करने का फैसला करते है, तो आपको असफलताओं को स्वीकार करने और अपने व्यवसाय मॉडल में आवश्यक बदलाव करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
यह भी पढे
- एक छोटी शुरुआत से 30 देशों का सफर-samprada singh
- गरीब किसान के लड़के ने खड़ी के 250 करोड़ के कंपनी -Patra Electronics
- Business Idea /कम लागत के साथ 20 छोटे व्यवसाय के विचार/
- Flying Cake-200 की नौकरी से 8.5 करोड़ के व्यवसाय तक
- Harshavardhan Neotia-अपने मनपसंद काम को करके कैसे 2000 करोड़ का कारोबार खड़ा किया ।
- एक छोटी किराने की दुकान से 100 करोड़ के कारोबार का सफर कैसे तय किया।
- 50 रुपये की मजदूरी से कैसे खड़ा किया 15 करोड़ का करोबार
More Stories
अपने शौक का पीछा करते हुए खड़ी की 7000 करोड़ की कम्पनी-क्लासपास (ClassPass)
नौकरी छोड़ किया 325 करोड़ का कारोबार
फ्यूचर ग्रुप (Future Group) एक कर्ज को चुकाने में नाकामयाब रहे